यह क्या बोल गए रवि शास्त्री, पहले टेस्ट में मिली हार टीम इंडिया के हित में

क्राइस्टचर्च : न्यूजीलैंड दौरे पर मेजबान टीम ने पहले टेस्ट में टीम इंडिया (Team India) को 10 विकेट की करारी मात दी थी। इस मैच में भारत की ओर से बल्लेबाजी में कुछ हद तक अजिंक्य रहाणे और मयंक अग्रवाल और गेंदबाजी में ईशांत शर्मा को छोड़कर किसी ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। इसके बावजूद टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्‍त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि न्यूजीलैंड के हाथों पहले टेस्ट में मिली हार टीम इंडिया के हित में है।

शास्त्री बोले, झटका जरूरी

दूसरे टेस्ट से एक दिन पहले टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्‍त्री ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि जब भी आप लगातार जीत जैसी स्थिति में होते हैं तो एक झटका जरूरी होता है, क्‍योंकि एक हार आपका दिमाग खोल देती है। शास्त्री ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैच की सीरीज का पहला टेस्ट हारकर सीरीज जीतने का अवसर गंवा चुकी है और दूसरा टेस्ट किसी भी कारण से अगर ड्रॉ भी हो जाता है तो भारत सीरीज भी हार जाएगी।

बोले, हार से सही रणनीति बनाने में मिलेगी मदद

रवि शास्त्री ने कहा कि लगातार जीत से मिल रही हो और अगर आपने लंबे समय से हार का सामना न किया हो तो आपका दिमाग बंद हो जाता है। एक ही तरह के माइंडसेट से आगे बढ़ने लगते हैं। उन्होंने कहा कि एक हार से भारत को न्‍यूजीलैंड के खिलाफ सही रणनीति बनाने में मदद मिली है। हम अब क्राइस्‍टचर्च में होने वाले दूसरे मुकाबले के लिए पहले से ज्‍यादा अच्‍छे तरीके से तैयार हैं।

सीखने का मौका

टीम इंडिया के कोच ने कहा कि हमारे पास सीखने का मौका है। उन्होंने कहा कि आपको पता है कि न्‍यूजीलैंड किस प्रकार की रणनीति पर अमल कर रहा है। विरोधी टीम से किस प्रकार की उम्‍मीद की जा सकती है। अब हम उसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह हमारे लिए सीखने का अच्‍छा सबक था। उन्हें विश्‍वास है कि टीम इस मैच में अच्‍छा करेगी। शास्त्री के इस बयान से ऐसा लगता है कि वह हारने के बाद ही अपनी रणनीति तैयार करते हैं और टेस्ट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ फॉर्मेट को भी सीखने की जगह मानते हैं। ऐसा लगता है कि सीखने के लिए अभ्यास मैच और सत्र को वह माकूल और मुनासिब जगह नहीं मानते।

कोई भी खिलाड़ी पैनिक नहीं

रवि शास्‍त्री ने कहा कि हमने आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत आठ मैच खेले हैं। इनमें से सात जीते हैं। इस वक्‍त हमें ज्‍यादा घबराने की जरूरत नहीं है। टीम का कोई भी खिलाड़ी इस वक्‍त पैनिक होकर अपने काम से भटक नहीं रहा है।

परिस्थितियों से तालमेल बैठाने में लगता है समय

टीम इंडिया के कोच रवि शास्‍त्री से जब यह पूछा गया कि आखिर विदेशों में हम लय क्‍यों खोने लगते हैं तो शास्त्री ने कहा कि यह लाल गेंद का क्रिकेट है। लाल गेंद का क्रिकेट सफेद गेंद के क्रिकेट से अलग होता है, खासतौर पर इंग्‍लैंड और न्‍यूजीलैंड जैसे देशों में। इन दोनों देशों की परिस्थितियां एक जैसी है। कोई भी नई टीम यहां आकर खेलती है तो उसे परिस्थितियों से तालमेल बैठाने में समय लगता है। उन्होंने यह भी कहा कि हम यहां कोई बहाना बनाने नहीं आए हैं। हम अच्‍छा नहीं खेले इसीलिए हारे।

वनडे में भी हुआ था भारत का सूपड़ा साफ

कीवी दौरे पर सफेद गेंद की क्रिकेट में भी भारत का सूपड़ा साफ हुआ था। भारत के खिलाफ तीन वनडे मैच की सीरीज कीवी टीम ने 3-0 से जीती थी। इस पर रवि शास्‍त्री ने सफाई दी कि वनडे क्रिकेट फिलहाल उनकी सबसे कम प्राथमिकता में है। चूंकि अगले साल विश्व टेस्‍ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जाना है और इस साल और अगले साल टी-20 विश्व कप होना तय है। इसलिए कार्यक्रम के मद्देनजर हम टेस्‍ट और टी-20 पर फोकस कर रहे हैं।

Check Out Here - Daily Update Latest Cricket News in Hindi